7वाँ वेतन आयोग :न्यूनतम वेतन में बढ़ोत्तरी की सम्भावना अप्रैल 2018 से।
30 जून 2016 को वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने न्यूनतम वेतन
में एवं फिटमेंट फार्मूले में वृद्धि जैसे मामलों के अध्ययन के लिए एक उच्च
स्तरीय समिति बनाने का वादा किया था।
मिडिया रिपोर्टों के अनुसार केन्द्रीय सरकार कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग
की सिफारिशों से इतर उनके वेतन में बढ़ोत्तरी कर सकती है। ऐसी सम्भावना जतायी
जा रही है कि केन्द्र सरकार आगामी केन्द्रीय बजट 2018 में इस बात की घोषणा कर
सकती है तथा यह बढ़ोत्तरी अप्रैल 2018 से लागू की जा सकती है। हालांकि यह
बढ़ोत्तरी सिर्फ निचले स्तर के कर्मचारियों के सन्दर्भ में ही किए जाने की
सम्भावना जतायी जा रही है तथा मध्यम और उच्च स्तर के सरकारी अधिकारी/कर्मचारी
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर ही वेतन प्राप्त करते रहेंगे।
हालांकि अभी तक इस बात में स्पष्ट रूप से कुछ भी कहना सम्भव नहीं है कि सरकार
न्यूनतम वेतन एवं फिटमेंट फैक्टर में बढ़ोत्तरी करेगी या नहीं।
इंडिया डॉट कॉम के दावे के अनुसार सरकार के आर्थिक प्रबन्धक प्रस्तावित
केन्द्रीय बजट 2018—19 में केन्द्रीय कर्मियों के वेतन में बढ़ोत्तरी के लिए
अतिरिक्त फण्ड आवंटित करने के लिए तैयार हो गए हैं। सूत्रों के अनुसार बजट
निर्माण प्रक्रिया से जुड़े एक अधिकारी ने यह दावा किया है कि केन्द्र सरकार
के लोअर लेवल 5 तक के कर्मचारियों वेतन बढ़ोत्तरी हेतु फण्ड का आवंटन की पूरी
सम्भावना है परन्तु यह वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली एवं कैबिनेट की मंजूरी के
बाद ही हो सकेगा।
दूसरी ओर सेन टाईम्स ने भी दावा किया है कि वित्त मंत्रालय के एक अन्य अधिकारी
ने यह बातचीत के क्रम में बताया कि वेतन बढ़ोत्तरी हेतु अगले वित्त वर्ष में
गजट में प्रकाशित किया जा सकता है तथा इसे अप्रैल 2018 से लागू किए जाने की
पूरी सम्भावना है। अधिकारी ने भी यह दावा किया है कि वेतन लेवल 1 से 5 तक के
कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि पर सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के
अतिरिक्त बढ़ोत्तरी पर सरकार विचार कर रही है।
उल्लेखनीय है कि 30 जून 2016 को वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने न्यूनतम वेतन
में एवं फिटमेंट फार्मूले में वृद्धि जैसे मामलों के अध्ययन के लिए एक उच्च
स्तरीय समिति बनाने का वादा किया था।
अधिकारी ने यह भी दावा किया है कि सरकार लेवल 5 तक के कर्मचारियों के वेतन में
वृद्धि करके वित्त मंत्री के उसी वादे को पूरा करना चाहती है। उक्त अधिकारी
ने यह भी कहा कि केन्द्रीय वित्त मंत्री डिपार्टमेंट आॅफ पर्सनल एवं ट्रेनिंग
के उस लेटर पर पुनर्विचार करना चाहते हैं जिसमें डी.ओ.पी.टी ने यह कहा था कि
न्यूनतम वेतन एवं फिटमेंट फार्मूला जैसा मामला वेतन विसंगति से जुड़ा नहीं है
अत: यह मामला नेशनल अनोमली कमिटि (एन.ए.सी) के कार्यक्षेत्र में ही नहीं आता
है।
आपको बता दें कि सातवां वेतन आयोग ने मूल वेतन में 14.27 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
की सिफारिश करते हुए न्यूनतम वेतन 7000 से 18000 प्रतिमाह करने का प्रस्ताव
दिया था। हालांकि केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी लगातार मांग करते रहे हैं कि
फिटमेंट फार्मूले को 2.57 से बढ़ाकर 3.68 करते हुए न्यूनतम वेतन 26000 दिया
जाए।
FOLLOW US FOR LATEST UPDATES ON FACEBOOK AND TWITTER
Click to get free updates on Government Orders in your inbox
0 comments:
Post a Comment